कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥ सर्व कला, संम्पन तुम्ही हो, हे मेरे परमेश्वर, माँ री माँ वो डमरू वाला, तन पे पहने मृग की छाला। ॥ शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा…॥ सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण https://ngkwinbet79023.wonderkingwiki.com/1018199/an_unbiased_view_of_shiv_chalisa_lyricsl