सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई। ** आप अपना हर तरह का फीडबैक https://shivchalisas.com